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नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड: 11 साल बाद फैसला सुनाने वाली है अदालत, परिवार को न्याय की उम्मीद
नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड: 11 साल बाद फैसला सुनाने वाली है अदालत, परिवार को न्याय की उम्मीद
वर्तमान भारत, सेंट्रल डेस्क
सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के मामले में पुणे की एक विशेष अदालत शुक्रवार, 11 मई, 2024 को अपना फैसला सुना सकती है। यह फैसला दाभोलकर की हत्या के 11 साल बाद आएगा, जिससे उनके परिवार और समर्थकों को न्याय मिलने की उम्मीद है।
विशेष लोक अभियोजक प्रकाश सूर्यवंशी ने बताया कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामलों की विशेष अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एए जाधव शुक्रवार को फैसला सुना सकते हैं।
मामला:
- नरेंद्र दाभोलकर, महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक, 20 अगस्त, 2013 को पुणे में सुबह की सैर के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
- इस हत्या के आरोप में 12 लोगों पर आरोप लगाए गए थे, जिनमें से कुछ पहले ही मर चुके हैं।
- मुख्य आरोपियों में सचिन अंदुरे और इग्नास कलास्कर शामिल हैं।
- सीबीआई ने 2019 में दाभोलकर हत्या मामले में पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था।
- 2019 के अंत में सीबीआई ने दावा किया था कि विक्रम भावे इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड था।
न्याय की उम्मीद:
- दाभोलकर के परिवार और समर्थक पिछले 11 सालों से न्याय की उम्मीद कर रहे हैं।
- उनका मानना है कि इस फैसले से समाज में अंधविश्वास और कुरीतियों के खिलाफ लड़ने वालों को प्रोत्साहन मिलेगा।
यह फैसला सामाजिक कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के लिए भी महत्वपूर्ण होगा, जो अक्सर धमकियों और हिंसा का सामना करते हैं।