बीपीएससी प्रश्नपत्र लीक मामले के मास्टरमाइंड और जदयू नेता शक्ति सिंह की गिरफ्तारी के बावजूद जनता दल यूनाइटेड ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है। दरअसल, शक्ति सिंह जेडीयू का नेता है। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का जब जेडीयू में विलय हुआ था तो शक्ति सिंह भी जेडीयू की सदस्यता लेकर पार्टी में आ गया था। गया के जिस इवनिंग कॉलेज से प्रिंसिपल और सेंटर सुपरिटेंडेंट होने के नाते उसने बीपीएससी पेपर को लीक किया, उसे जेडीयू के नेता बेहद अच्छे से जानते हैं। उपेंद्र कुशवाहा से लेकर मंत्री अशोक चौधरी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ वाली तस्वीरें शक्ति सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा कर रखी है।
हैरत की बात यह है कि शक्ति सिंह की गिरफ्तारी के कई घंटे गुजर जाने के बावजूद अब तक जनता दल यूनाइटेड नेतृत्व ने उसके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है। क्या जेडीयू के बड़े नेता शक्ति सिंह को बचाने में जुटे हुए हैं। हालांकि मीडिया मैनेजमेंट का खेल शुक्रवार को ही शुरु हो चुका था। शक्ति सिंह की गिरफ्तारी के बाद जब आर्थिक अपराध इकाई ने यह जानकारी आधिकारिक तौर पर साझा की तो राजधानी पटना के मेनस्ट्रीम मीडिया में आरोपी शक्ति सिंह का न्यू कनेक्शन सामने ना आ पाए इसके लिए मैनेजमेंट का खेल शुरू हो गया।
पटना के तमाम अखबारों और दूसरे समाचार के माध्यमों से इस खबर को हल्के तरीके से दिखाया गया। शक्ति सिंह को प्रिंसिपल बताते हुए खबर तो सामने आई लेकिन उसका जेडीयू कनेक्शन राजधानी के प्रमुख अखबारों में नजर नहीं आया हालांकि कुछ दैनिक अखबारों में गया के एडिशन में जेडीयू नेता के तौर पर शक्ति सिंह की पहचान उजागर की गई लेकिन जो खबर राजधानी पटना में दिखनी चाहिए थी उसे गया तक ही रोककर मैनेज किया गया। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या शक्ति सिंह का रसूख इतना बड़ा है कि गिरफ्तारी के बावजूद उसे जेडीयू में बनाकर रखा गया है।