बाबा बटेश्वरनाथ धाम: वैशाली में वट वृक्ष से प्रकट हुआ शिवलिंग, ऐसा इकलौता शिव मंदिर जहां चढ़ाया जाता है बैंगन
वर्तमान भारत, स्टेट डेस्क
बिहार के वैशाली जिले के अंडवाड़ा गांव में एक शिव मंदिर है- बटेश्वरनाथ धाम। यहां भगवान भोलेनाथ को बैंगन का चढ़ावा चढ़ाया जाता है।महाशिवरात्रि के दिन हजारों की संख्या में शिवभक्त यहां पहुंचते हैं। मान्यता है कि भक्त जो भी मनोकामना मानकर बैंगन चढ़ाते हैं, वह जरूर पूरी होती है।
मान्यता है कि मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित शिवलिंग रूपी भगवान वट वृक्ष से उत्पन्न हुए हैं। इसके बाद मंदिर बनवाया गया। यही कारण है कि इस शिव मंदिर को बटेश्वरनाथ धाम कहते हैं।यह देश में अपनी तरह का इकलौता ऐसा शिव मंदिर है। यहां महाशिवरात्रि के मौके पर भव्य मेला लगता है, जहां तेजपत्ता एवं काष्ठ के फर्नीचर की काफी बिक्री होती है।गुरुवार को बिहार के लघु सिंचाई मंत्री व वैशाली के प्रभारी मंत्री जयंत राज कुशवाहा ने यहां लगने वाले मेले का उद्घाटन किया।
वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर से करीब 40 किमी दूर जंदाहा प्रखंड के धंधुआ में स्थापित बाबा बटेश्वरनाथ धाम में स्थापित काले पत्थर का शिवलिंग काफी प्राचीन है।मंदिर कमेटी के कोषाध्यक्ष मुन्ना गिरी के अनुसार उनके दादा राम इकबाल गिरी बताते थे कि उनके पिता को करीब 150 वर्ष पूर्व स्वप्न आया था कि धंधुआ में वट वृक्ष से शिवलिंग रूपी भगवान प्रकट हुए हैं और उन्हें जाकर सेवा करनी है।मुन्ना बताते हैं कि जब उनके परदादा आए, तब यहां घना जंगल था। आज उनकी पांचवीं पीढ़ी यहां पर पूजा कर रही है।
बाबा बटेश्वरनाथ धाम का चढ़ावा भी अनूठा है। मंदिर समिति के अध्यक्ष अनूप लाल सिंह, सचिव बच्चा बाबू सिंह एवं 92 वर्षीय पुजारी उमानाथ भारती बताते हैं कि यहां सैकड़ों साल से पूजा हो रही है।श्रद्धालु यहां जलाभिषेक के साथ बैंगन चढ़ाते हैं। कृषि बहुल इस इलाके में सब्जी की खेती की प्रधानता है। इस कारण किसान सब्जी उपजने के बाद पहली सब्जी महादेव को ही चढ़ाते हैं।
कालक्रम में सब्जियों में बैंगनी बैंगन की प्रधानता हो गई। बैंगन चढ़ाने के पीछे मान्यता है कि बाबा को नीलकंठ भी कहा जाता है। महाशिवरात्रि के दिन यहां कई क्विंटल बैंगन चढ़ाए जाते हैं।श्रद्धालु मनोकामना पूरी होने के बाद शुक्रिया अदा करने भी आते हैं। तब वे सामर्थ्य के अनुसार, 11, 21, 51 और 101 किलो बैंगन का भार फिर चढ़ाते हैं।
मंदिर की देखरेख बाबा बटेश्वरनाथ मंदिर कमेटी करती है। श्रावण मास एवं महाशिवरात्रि के मौके पर यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं। वहीं, भव्य मेला भी लगता है।
गुरुवार को बिहार के लघु सिंचाई मंत्री व वैशाली के प्रभारी मंत्री जयंत राज कुशवाहा ने यहां मेले का उद्घाटन करते हुए इलाके को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने एवं मेले को राजकीय मेले का दर्जा देने की घोषणा की है।
स्रोत: नेट