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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद पर सर्वे कमीशन की मंजूरी दी

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद पर सर्वे कमीशन की मंजूरी दी

वर्तमान भारत, सेंट्रल डेस्क

मथुरा – इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आज श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद पर सर्वे कमीशन की मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने शाही ईदगाह परिसर के सर्वेक्षण के लिए अदालत की निगरानी में एक एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति की मांग स्वीकार कर ली है।

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सर्वेक्षण विवादित परिसर के इतिहास, पुरातत्व, वास्तुकला और धार्मिक महत्व से संबंधित सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। सर्वेक्षण के लिए नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर को अपने सर्वेक्षण की रिपोर्ट 6 महीने के भीतर कोर्ट में जमा करनी होगी।

इस फैसले से श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर एक नया मोड़ आ गया है। इस फैसले का दोनों पक्षों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह आने वाले समय में ही पता चलेगा।

विवादित परिसर में क्या-क्या शामिल है?

विवादित परिसर में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, शाही ईदगाह मस्जिद और कुछ अन्य संपत्तियां शामिल हैं। मंदिर के अनुयायियों का दावा है कि यह वही स्थान है जहां भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। वहीं, मस्जिद के अनुयायियों का दावा है कि यह मस्जिद 17वीं शताब्दी में मुगल बादशाह शाहजहां ने बनवाई थी।

सर्वेक्षण का क्या उद्देश्य है?

सर्वेक्षण का उद्देश्य विवादित परिसर के इतिहास, पुरातत्व, वास्तुकला और धार्मिक महत्व से संबंधित सभी पहलुओं को जानना है। सर्वेक्षण की रिपोर्ट से यह पता चल सकता है कि विवादित परिसर का वास्तविक इतिहास क्या है और इसका धार्मिक महत्व क्या है।

सर्वेक्षण की प्रक्रिया क्या होगी?

सर्वेक्षण की प्रक्रिया अदालत की निगरानी में होगी। सर्वेक्षण के लिए नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर को विवादित परिसर की सभी संपत्तियों का सर्वेक्षण करना होगा। सर्वेक्षण में पुरातत्वविदों, वास्तुविदों और इतिहासकारों की मदद ली जाएगी।

सर्वेक्षण के बाद क्या होगा?

सर्वेक्षण के बाद एडवोकेट कमिश्नर अपनी रिपोर्ट कोर्ट में जमा करेगा। कोर्ट रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद फैसला सुनाएगी।

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