यूपी

लोकतांत्रिक देश को निजी संस्थान की तरह मनमाने ढंग से संचालित कर रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी…अजय सोनी

लोकतांत्रिक देश को निजी संस्थान की तरह मनमाने ढंग से संचालित कर रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी…अजय सोनी

वर्तमान भारत,स्टेट डेस्क

कौशाम्बी। समर्थ किसान पार्टी के नेता एवं जिला पंचायत सदस्य ने शनिवार को कई गांवों का भ्रमण किया और लोगों से मुलाकात की। ग्राम भ्रमण के दौरान ग्राम फत्तेपुर, बेला, देवखरपुर, महमदपुर आदि गांवों में लोगों से महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और किसानों, गरीबों, मजदूरों के मुद्दों पर चर्चा की।इस अवसर पर पार्टी कार्यकर्ता एवं ग्रामीण मौजूद रहे

लोगों से वार्ता करते हुए समर्थ किसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सोनी ने कहा कि आज देश का किसान, बेरोजगार युवा और गरीब खुद को छला महसूस कर रहा है। आज लोगों को न तो रोजगार मिल रहा है और न ही महंगाई से कोई राहत मिल रही है। देश में चारों तरफ अराजकता और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। केंद्र की मोदी सरकार ने लोगों का जीना हराम कर रखा है और लोग जीवनयापन की मूलभूत जरूरतों के दामों में बेतहाशा वृद्धि होने से परेशान हैं। लोगों की समस्याएं रोज दर रोज बढ़ती जा रहीं हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी “रोम जल रहा है और नीरो बांसुरी बजा रहा है” जैसी कहावत चरितार्थ करते हुए आत्मुग्धता में मस्त हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकतांत्रिक देश को खुद के निजी संस्थान की तरह मनमाने तरीके से संचालित कर रहे हैं। उन्हें न तो देश के आवाम की फिक्र है न ही देश के लोकतांत्रिक और संघीय ढांचे की। आलम यह है कि देश की कई स्वायत्त एवं शासकीय संस्थाएं या तो उनके दबाव में काम कर रहीं हैं या तो उन्हे जबरन बंधक बनाकर उनके निजी अधिकारों का हनन करके उनसे मनमाफिक काम करवाया जा रहा है। इससे देश की संवैधानिक और संस्थागत व्यवस्था चरमरा गई है। इन बुरे हालातों में देश का न्याय तंत्र भी अछूता नहीं बचा है और न्याय तंत्र न्याय नही करके सिर्फ और सिर्फ केंद्र सरकार के दबाव में केंद्र सरकार के मनमुताबिक मनमाने निर्णय का आदेश जारी कर रहा है।

इसी के साथ अजय सोनी ने कहा कि देश के हालात आपातकाल की तरह हो रहे हैं और देश में लोकतंत्र कमजोर हो रहा है। लोगों के मूलभूत अधिकार खत्म किए जा रहे हैं। आज गरीब दो जून की रोटी और बेरोजगार युवा रोजगार की तलाश में भटक रहे हैं। लोग महंगाई, बेरोजगारी और सरकारी संस्थानों की बिक्री से तंग आ चुके हैं। देश के नवरत्नों समेत मूल्यवान संस्थानों की केंद्र सरकार द्वारा अपने चहेते उद्योगपतियों को औने पौने दामों पर बेचने एवं उन उद्योगपतियों द्वारा उन राष्ट्रीय संस्थानो का दोहन करने और मनमाना दाम बढ़ाकर लोगों का आर्थिक शोषण करने से लोग त्रस्त हो चुके हैं। ऐसे में देश के युवाओं के कंधों पर देश एवं देश के लोकतंत्र को बचाने की बड़ी जिम्मेदारी आ गई है। उन्हें अब केंद्र सरकार के मनमाने रवैए के खिलाफ सड़क पर उतरना होगा और हल्ला बोल करना होगा ताकि देश का लोकतांत्रिक वजूद बचा रहे। लोगों को महंगाई, बेरोजगारी से राहत मिले। इसी के साथ अजय सोनी ने कहा कि देश की आवाम को भी इस संबंध में विचार करना चाहिए और देश को निजी जागीर समझने वालों को मुंह तोड़ जवाब देना चाहिए। इस अवसर पर सुरजीत कुमार, नमन कुमार, रंजीत यादव, आशीष सरोज, जुम्मन अली आदि मौजूद रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button