बिहार

महागठबंधन में बगावत,भाकपा माले ने किया कानून मंत्री को हटाने की मांग।

पत्र लिखकर तेजस्वी यादव से करेंगे कार्तिकेय को हटाने के मांग।

पटना महागठबंधन की दूसरी बेशक शुरू हो गई है लेकिन सच्चाई यह है कि शुरू से ही उलझने बढ़ने लगी है। जिसके कारण अब यह भी कयास लगाए जाने लगे है की ये सरकार कब तक चल पाएगी। अपहरण के मामले के आऱोपी मंत्री कार्तिक सिंह को लेकर नीतीश-तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। एक ओर जहां भाजपा आक्रामक होकर सरकार को कठघरे में खड़ा कर रही है। वहीं, अब सत्ताधारी जमात ने भी मोर्चा खोल दिया है। महागठबंधन में शामिल पार्टी भाकपा माले ने मंत्री कार्तिक सिंह को पद से हटाने की मांग कर दी है। गौरतलब है कि माले के 12 विधायक हैं जो बाहर से सरकार को समर्थन दे रहे हैं।

भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने नीतीश कुमार और तेजस्वी प्रसाद यादव से अपहरण के एक मामले में नवनियुक्त विधि मंत्री कार्तिकेय सिंह को लेकर जारी विवाद को देखते हुए उन्हें मंत्री पद से हटाने की मांग की है। कुणाल ने कहा है कि सीएम और डिप्टी सीएम दोनों को कार्तिक सिंह के मंत्री मंत्री पद पर बने रहने पर पुनर्विचार करना चाहिये। माले ने कहा है कि ऐसे लोगों के मंत्री पद पर रहने से सरकार की छवि धूमिल होती है। भाकपा माले मुख्य मंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्य मंत्री तेजस्वी यादव को पत्र लिख कर कार्तिक सिंह को पद से हटाने की मांग करेगी।

माले ने कहा है कि वह बिहार में कानून व्यवस्था की बेहतरी और न्याय की गारंटी को लेकर प्रतिबद्ध है और जनता की उम्मीदों को लगातार मजबूती से उठाती रहेगी। माले के राज्य सचिव ने इस मसले पर बीजेपी के आरोपों को बकवास करार दिया है। माले ने कहा है कि इस मसले पर भाजपा को कुछ भी बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है। भाजपा ने योगी आदित्यनाथ जैसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री बना कर रखा है जिन पर दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं। भारतीय जनता पार्टी सांप्रदायिक उन्माद, दंगा-फसाद और अपराध को प्रश्रय देने वालों का समूह है।

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