शराब की कीमत है 6.5 करोड़ फिर भी खरीददारों की लगती है भीड़।
शराब की महज एक बोतल की कीमत करोड़ों में! एक बार यह सुनने में बेहद अजीब लगे लेकिन यह सच है। इससे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि इस दुर्लभ किस्म की व्हिस्की को खरीदने के लिए लोग बोलियां लगाते हैं और ज्यादा से ज्यादा कीमत देकर इसे हासिल करना चाहते हैं। यहां बात हो रही जापानी व्हिस्की यामाज़ाकी-55 की। इसके नाम में जुड़े 55 का अर्थ है कि इसे तैयार करने में 55 साल या उससे ज्यादा वक्त लगा है।यामाज़ाकी-55 जापान में तैयार आज तक की सबसे पुरानी और महंगी व्हिस्की है।दुनिया के सबसे महंगे आर्टवर्क, जूलरी और लग्जरी आइटम्स की नीलामी करने वाली कंपनी सूदबाईज़ (Sotheby’s) की वेबसाइट के मुताबिक, एक नीलामी में यामाज़ाकी की 750 एमएल बोतल की अधिकतम बोली 780,000 डॉलर यानी करीब साढ़े 6 करोड़ रुपये लगाई गई।
2020 में जब इसे लॉन्च किया गया तो इसकी 100 बोतलें ही तैयार की गईं।
फोर्ब्स की वेबसाइट पर छपे एक आर्टिकल के मुताबिक, इस व्हिस्की की रिटेल बेस प्राइस 60000 डॉलर यानी करीब 49 लाख रुपये के करीब आंकी गई है. इसे बनाने वाली कंपनी का नाम बीम संटोरी (Beam Suntory) है। 2020 में यह व्हिस्की पहली बार लॉन्च की गई। उस वक्त इसकी सिर्फ 100 बोतलें ही लॉटरी सिस्टम के जरिए जापानी बाजार में उपलब्ध कराई गईं। बाकी दुनिया के लिए 2021 में 100 बोतलें और तैयार की गईं। इस व्हिस्की को कुछ महंगे सिंगल मॉल्ट्स से तैयार किया गया है। इसके महंगे होने की सबसे बड़ी वजह तो यही है कि यह दुनिया में बेहद सीमित मात्रा में उपलब्ध है। हालांकि, यह समझना बेहद जरूरी हो जाता है कि इस व्हिस्की में ऐसा क्या है, जिसकी वजह से इसकी कुछ घूंट चखने के लिए लोग करोड़ों रुपये तक खर्च करने के लिए तैयार हो जाते हैं।
इस व्हिस्की को जापान के सबसे पुराने शराब कारखाने यामाज़ाकी डिस्टिलरी ऑफ संटोरी (Yamazaki Distillery of Suntory) में तैयार किया जाता है। व्हिस्की को तैयार करने के लिए उसे बरसों तक पीपों (Cask) में स्टोर करके रखा जाता है जिस प्रक्रिया को एजिंग (ageing)कहते हैं। व्हिस्की में मौजूद फ्लेवर, कलर और टेक्स्चर के लिए यही कास्क मुख्य भूमिका निभाता है। यामाज़ाकी-55 को भी एक खास तरह के पीपे (Cask) में स्टोर करके रखा जाता है, जिसे मिज़ुनारा कास्क (Mizunara Casks) कहते हैं। इसे मिज़ुनारा पेड़ की लकड़ी से बनाया जाता है. यह लकड़ी बहुत ही दुर्लभ है। जानकार कहते हैं कि मिज़ुनारा कास्क बनाने के लिए जरूरी है कि पेड़ कम से कम 200 साल पुराना हो।मिज़ुनारा की लकड़ी इतनी खास है कि इसमें बरसों तक शराब को रखने के बाद उसका फ्लेवर आम अमेरिकन लकड़ी से तैयार पीपों में रखी शराब से बिलकुल अलग हो जाता है।
साभार आजतक