दो दोस्तों ने दहेज के खिलाफ शुरू की पैदल यात्रा, काठमांडू से पटना तक करेंगे जागरूकता अभियान
दो दोस्तों ने दहेज के खिलाफ शुरू की पैदल यात्रा, काठमांडू से पटना तक करेंगे जागरूकता अभियान
वर्तमान भारत, स्टेट डेस्क
रक्सौल: नेपाल में दहेज प्रथा के खिलाफ मुहिम चला रहे अनीता महतो और राम कुमार महतो ने अब भारत में भी इस अभियान को शुरू किया है। काठमांडू निवासी अनीता और बीरगंज निवासी राम कुमार ने काठमांडू से पटना तक 490 किलोमीटर की पैदल यात्रा शुरू की है। इस यात्रा का उद्देश्य समाज में दहेज प्रथा के प्रति जागरूकता फैलाना और इस सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करना है।
जब ये दोनों रक्सौल पहुंचे, तो बड़ी संख्या में लोग इनका स्वागत करने के लिए जमा हो गए। उनके साथ लगे पोस्टरों पर “इंसाफ की ज्योति लाएंगे, दहेज प्रथा को जड़ से मिटाएंगे” जैसे स्लोगन लिखे हुए थे। लोगों ने उनके अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि समाज में उनके इस महत्वपूर्ण संदेश की बहुत जरूरत है।
अनीता और राम कुमार ने बताया कि वे काठमांडू से पैदल यात्रा करते हुए पटना जा रहे हैं, जहां वे प्रख्यात शिक्षक खान सर से मिलेंगे। उनका मानना है कि खान सर के सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में फॉलोवर्स हैं, जो इस मुहिम को व्यापक रूप से समर्थन दे सकते हैं। उनका लक्ष्य सोशल मीडिया के माध्यम से इस मुहिम को और भी बड़े स्तर पर ले जाना है।
रक्सौल में आयोजित एक संवाद के दौरान उन्होंने कहा, “यह कहना मुश्किल है कि यह अभियान कितना सफल होगा, लेकिन हमें पूरा विश्वास है कि हमारा संदेश लोगों तक जरूर पहुंचेगा। दहेज जैसी कुरीति से समाज के हर तबके को नुकसान हो रहा है, और इस प्रथा के खिलाफ आवाज उठाने का समय आ गया है।”
उन्होंने यह भी कहा कि दहेज की समस्या नेपाल और भारत दोनों देशों में प्रचलित है और इसके खिलाफ दोनों देशों के लोगों को एकजुट होना होगा। भारत-नेपाल की सांस्कृतिक और सामाजिक जुड़ाव को देखते हुए इस अभियान का उद्देश्य दोनों देशों के लोगों को जागरूक करना है, ताकि इस बुराई का अंत हो सके।