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बिहार में बीस दिनों में तेरहवां पुल गिरा, चार साल पुराना पुलिया ध्वस्त, सैकड़ों लोग प्रभावित

बिहार में बीस दिनों में तेरहवां पुल गिरा, चार साल पुराना पुलिया ध्वस्त, सैकड़ों लोग प्रभावित

वर्तमान भारत, स्टेट डेस्क 

मोतिहारी, बिहार: बिहार में पुल गिरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला पूर्वी चंपारण जिले से आया है, जहां मधुबन प्रखंड के लोहारगांव गांव में बनी आरसीसी पुलिया शनिवार देर शाम बारिश के कारण ध्वस्त हो गई।

यह पुलिया 4 साल पहले ही 14वें वित्त आयोग के तहत 2 लाख रुपये की लागत से बनाई गई थी। पुलिया गिरने से लोहारगांव ग्राम के सहनी टोला और अनुसूचित जाति टोला का सड़क संपर्क टूट गया है, जिससे करीब 400 लोगों की आबादी प्रभावित हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि वे अब पगडंडी से आवागमन कर रहे हैं क्योंकि पुलिया गिरने से गांव में बाइक भी नहीं पहुंच पा रही है।

यह घटना बिहार में पिछले 20 दिनों में हुई 13वीं पुल हादसा है। इन हादसों के बाद नीतीश सरकार ने जल संसाधन और ग्रामीण कार्य विभाग के 17 इंजीनियरों को निलंबित कर दिया था।

गौरतलब है कि 22 जून को पूर्वी चंपारण जिले के घोड़ासहन प्रखंड के अमवा में 1.69 करोड़ रुपये की लागत से बना पुल ढलाई के बाद ही ध्वस्त हो गया था। 18 जून से अब तक राज्य में कुल 13 पुल गिर चुके हैं। अकेले सारण और सीवान जिले में इसी हफ्ते एक के बाद एक 6 पुल गिर गए थे।

बिहार सरकार ने राज्यभर के पुलों का निरीक्षण कराया जा रहा है और दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का दावा किया है। साथ ही, पुलों की लागत ठेकेदारों से वसूल की जाएगी।

यह घटना बिहार में खराब बुनियादी ढांचे और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है। सरकार को इन हादसों की जांच कर जल्द से जल्द उचित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोका जा सके।

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