चार माह तक वह अलग अलग शहरों में बेची जाती रही, कई लोगों ने उसके साथ अपनी हवस मिटाई। यह सब हुआ गोपालगंज जिले के एक गांव में रहनेवाली युवती के साथ। यह सब गांव के युवकों ने उसके साथ किया। पहले खुद गंदा काम किया और बाद में उसे दूसरों को बेच दिया। लगभग चार माह के बाद किसी तरह युवती ने अपने परिवार से संपर्क किया तो पुलिस उसे छुड़ाने के लिए गई। अब कुचायकोट थाना क्षेत्र के एक गाँव की निवासी अपहृत युवती को कुचायकोट थाना पुलिस ने भोपाल से बरामद कर लिया है बरामद युवती को पुलिस ने कोर्ट में हाजिर कर उसके परिजनों को सौंप दिया।वही पुलिस अपहरणकर्ताओं के गिरफ्तारी में जुट गई है। इस दौरान खुद के साथ हुए प्रताड़ना का दर्द युवती ने बयां किया वह बेहद ही भयानक है।
दरअसल इस संदर्भ में पीड़ता ने बताया कि 28 फरवरी की सुबह वह अपने पिता और बहन के साथ शिव जी के मंदिर से पूजा कर घर लौट रही थी। इसी बीच ग़ांव के ही रामजी मिश्र के बेटा बबलू मिश्र, रामकिशुन मिश्रा के बेटा लक्ष्मण मिश्रा, लक्ष्मण मिश्रा के बेटा अनुप मिश्रा व नन्हे मिश्रा के अलावे मृत्युंजय सिंह द्वारा उसे चार पहिया वाहन से जबरन अपने गाड़ी में बैठा लिया। विरोध करने पर उसके मुंह को कपड़े से दबा दिया गया और उसे लेकर कही चले गए जहां एक कमरे में युवती को रखा गया। पीड़िता ने बताया कि बीच रास्ते मे ही नन्हे और लक्ष्मण मिश्रा उतर गया। लेकिन तीन लोगों ने उसे कही ले जाकर एक कमरे में रखा जहाँ उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया।