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शीतलहर: बच्चों के लिए कब और कितनी खतरनाक?

शीतलहर: बच्चों के लिए कब और कितनी खतरनाक?

वर्तमान भारत, स्टेट डेस्क

शीतलहर एक मौसमी घटना है जो ठंड के मौसम में होती है। यह तब होती है जब तापमान 7 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है और तेज हवा चलने लगती है। शीतलहर के दौरान, शरीर को गर्म रखने के लिए अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिससे थकान, कमजोरी, और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

बच्चों के लिए शीतलहर का खतरा

शीतलहर का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों और बुजुर्गों को रहता है। बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, इसलिए वे शीतलहर से होने वाली बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। शीतलहर के कारण बच्चों में निम्नलिखित स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं:

  • हाइपोथर्मिया: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर का तापमान सामान्य से बहुत कम हो जाता है। हाइपोथर्मिया गंभीर हो सकता है और यहां तक कि मौत भी हो सकती है।
  • श्वसन संक्रमण: शीतल हवा में सांस लेने से श्वसन संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, जैसे कि सर्दी, खांसी, और निमोनिया।
  • डेंगू और मलेरिया: ठंडी हवा में मच्छरों का प्रसार बढ़ जाता है, जिससे डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

शीतलहर से बचाव के उपाय

शीतलहर से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  • मोटे कपड़े पहनें: शीतलहर के दौरान गर्म कपड़े पहनें, खासकर सिर, गर्दन, और हाथों को ढकने के लिए।
  • पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पिएं: शीतलहर के दौरान शरीर को गर्म रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पिएं।
  • धूम्रपान और शराब से बचें: धूम्रपान और शराब शरीर को गर्म करने में बाधा डालती हैं।
  • बच्चों को बाहर निकलने से बचाएं: यदि आवश्यक हो तो बच्चों को बाहर निकलने से बचाएं, विशेष रूप से रात में।

शीतलहर के दौरान बच्चों की देखभाल

शीतलहर के दौरान बच्चों की देखभाल के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:

  • बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं: बच्चों को सिर, गर्दन, और हाथों को ढकने वाले गर्म कपड़े पहनाएं।
  • बच्चों को पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पिलाएं: बच्चों को दिन भर में 8-10 गिलास तरल पदार्थ पिलाएं।
  • बच्चों को धूप से बचाएं: यदि बच्चे बाहर जा रहे हैं, तो उन्हें धूप से बचाने के लिए टोपी, सनग्लास, और सनस्क्रीन लगाएं।
  • बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान दें: शीतलहर के दौरान बच्चों को अधिक गतिविधियों से बचने के लिए प्रोत्साहित करें।

यदि आपके बच्चे को शीतलहर के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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