बिहार सरकार द्वारा छात्रों को अब व्यवहारिक शिक्षा देने पर जोर दिया है। अब बिहार के सभी सरकारी स्कूलों में शनिवार को बिना किताब के हो बच्चो को पढ़ाया जाएगा। छात्रों के बस्ते का बोझ कम करने के लिए स्कूलों में नो बैग डे नियम और सप्ताह में कम से कम एक बार अनिवार्य खेल का पीरियड शुरू करने की तैयारी में है।
शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि इस आशय की अधिसूचना जल्द ही जारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि साप्ताहिक नो बैग डे में कार्य आधारित व्यावहारिक कक्षाएं होंगी। उस दिन उन्हें किताबें ले जाने की जरूरत नहीं होगी। शनिवार के दिन व्यावहारिक और अनुभवात्मक चीजें बच्चो को सिखाई जाएगी। इस तरह की नीति का उद्देश्य छात्रों को विभिन्न गतिविधियों में शामिल करना है, जो उनके सीखने पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
दीपक कुमार सिंह ने कहा, स्कूल प्राधिकारियों को ऐसी गतिविधियों के लिए पाठ्यक्रम तैयार करना चाहिए। यह कदम निश्चित रूप से छात्रों में सकारात्मक बदलाव लाएगा, जिससे उनकी सीखने की क्षमता में भी सुधार होगा। क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में हमारे छात्रों के प्रभावशाली प्रदर्शन से उत्साहित होकर, हम विद्यालयों में अनिवार्य खेल पीरियड शुरू करेंगे।
उन्होंने कहा कि यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है और इसे सरकारी और निजी दोनों विद्यालयों में लागू किया जाएगा। राज्य के कला, संस्कृति और युवा मंत्री जितेंद्र कुमार राय ने सप्ताह में कम से कम एक बार खेल का पीरियड शुरू करने पर कहा, हमारा विभाग इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार कर रहा है। मैं राज्य के शिक्षा मंत्री से मिलूंगा और उन्हें विस्तृत प्रस्ताव सौंपूंगा।