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दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के लिए दिवाली पर आतिशबाजी जिम्मेदार?

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के लिए दिवाली पर आतिशबाजी जिम्मेदार?

वर्तमान भारत, सेंट्रल डेस्क

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की वजह से दिवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन दिल्लीवासियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए जमकर आतिशबाजी की। दिवाली की रात लोगों द्वारा पटाखे जलाने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में धुंध की मोटी परत छा गई, जिससे पूरे शहर में भारी प्रदूषण फैल गया। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) भी बढ़कर 450 से ऊपर पहुंच गया, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है।

वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी सफर के अनुसार, दिल्ली में दिवाली के दिन AQI 455, नोएडा में 460, गुरुग्राम में 450, गाजियाबाद में 465 और फरीदाबाद में 470 था। इन सभी शहरों में AQI “गंभीर” श्रेणी में था।

विशेषज्ञों का कहना है कि दिवाली पर आतिशबाजी से निकलने वाला धुआं और प्रदूषक पदार्थ हवा में मौजूद सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर (PM) के स्तर को बढ़ा देते हैं। इससे वायु गुणवत्ता खराब होती है और लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है।

दिल्ली में प्रदूषण के लिए दिवाली पर आतिशबाजी एक प्रमुख कारक है। पिछले साल दिवाली पर भी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया था।

दिल्ली सरकार ने दिवाली पर पटाखे जलाने के खिलाफ कई तरह के अभियान चलाए थे, लेकिन इन अभियानों का कोई खास असर नहीं दिखा। लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए जमकर आतिशबाजी की।

दिल्ली सरकार को इस समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। सरकार को लोगों को पटाखे न जलाने के लिए जागरूक करना होगा। इसके अलावा, सरकार को सख्त कानून बनाकर पटाखे जलाने पर रोक लगानी होगी।

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