
मृत शिक्षक को 13 माह तक मिलता रहा वेतन, गहरी नींद में डूबा शिक्षा विभाग, अब 4 बड़े अफसरों पर गिरी गाज
वर्तमान भारत, स्टेट डेस्क
सहरसा: बिहार के सहरसा जिले के महिषी प्रखंड में शिक्षा विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां एक मृत शिक्षक को उनकी मृत्यु के बाद भी पूरे 13 महीनों तक वेतन का भुगतान होता रहा। इस चौंकाने वाले खुलासे से शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं और सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला प्रकाश में आया है।
बताया जा रहा है कि महिषी प्रखंड के एक विद्यालय में कार्यरत शिक्षक की मृत्यु हो गई थी। लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते उनकी मृत्यु की सूचना अपडेट नहीं की गई, जिसके कारण उनके खाते में लगातार 13 महीनों तक वेतन जमा होता रहा।
इस गंभीर मामले का खुलासा होने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। आनन-फानन में मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। प्रारंभिक कार्रवाई करते हुए विभाग ने इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार मानते हुए चार बड़े अधिकारियों पर गाज गिराई है। इन अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
इस घटना ने शिक्षा विभाग की आंतरिक कार्यप्रणाली और जवाबदेही पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है। सवाल यह उठ रहा है कि आखिर कैसे एक मृत व्यक्ति को इतने लंबे समय तक वेतन मिलता रहा और विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी। यह वित्तीय नियमों और प्रक्रियाओं के पालन में बरती गई घोर लापरवाही का स्पष्ट उदाहरण है।
जिला शिक्षा अधिकारी ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे और सिस्टम को दुरुस्त किया जाएगा।
इस घटना से न केवल शिक्षा विभाग की छवि धूमिल हुई है, बल्कि सरकारी खजाने को भी बड़ा नुकसान हुआ है। अब देखना यह है कि जांच में और किन-किन लोगों की लापरवाही सामने आती है और विभाग इस तरह की गंभीर चूक को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाता है। यह घटना बिहार के शिक्षा विभाग के लिए एक सबक है, जिससे उन्हें अपनी कार्यशैली में सुधार लाने और अधिक जवाबदेह बनने की आवश्यकता है।