बिहार विश्वविद्यालयों का बजट होगा समीक्षा के दायरे में, शिक्षक-कर्मियों के वेतन भुगतान में हो सकती है देरी
वर्तमान भारत,स्टेट डेस्क
पटना: बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को प्रतिवर्ष आवंटित किए जाने वाले कोष पर कड़ी नजर रखने का फैसला किया है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव, के के पाठक ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 के प्रस्तावित बजट की समीक्षा करने का आदेश दिया है।
यह समीक्षा विश्वविद्यालयों द्वारा प्रस्तुत बजट प्रस्तावों की जांच करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि धन का आवंटन उचित और कुशलतापूर्वक किया जाए। इस समीक्षा के परिणामस्वरूप, विश्वविद्यालयों को आवंटित किए जाने वाले धन में कमी या वृद्धि हो सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस समीक्षा के कारण विश्वविद्यालयों में शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन भुगतान में देरी हो सकती है। इसका कारण यह है कि यदि किसी विश्वविद्यालय के बजट प्रस्ताव को कम कर दिया जाता है, तो उसे अपने खर्चों को कम करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जिसमें वेतन भुगतान भी शामिल है।
इस समीक्षा का शिक्षा की गुणवत्ता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यदि विश्वविद्यालयों को कम धन आवंटित किया जाता है, तो वे बुनियादी ढांचे, पुस्तकालयों और प्रयोगशालाओं जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश करने में सक्षम नहीं होंगे। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
यह देखना बाकी है कि इस समीक्षा का बिहार के विश्वविद्यालयों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। शिक्षा विभाग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह समीक्षा शिक्षा की गुणवत्ता को नकारात्मक रूप से प्रभावित न करे।