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भाजपा को हराना है तो उसके अनुरूप ताकत पैदा करनी होगी:- प्रशांत किशोर

पांच राज्यों के चुनाव नतीजों पर विपक्षी दलों को पीके की नसीहत

भाजपा को हराना है तो उसके अनुरूप ताकत पैदा करनी होगी:- प्रशांत किशोर

वर्तमान भारत, स्टेट डेस्क

पटना: जन सुराज के संस्थापक और पदयात्रा अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा है कि विपक्षी गठबंधन को भाजपा की ताकत पहचान कर उसके अनुरूप ताकत पैदा करनी होगी तभी आप उसे पराजित कर सकेंगे। वे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना के विधानसभा चुनावों में से तीन राज्यों में बीजेपी की जीत पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोई मोदी लहर नहीं है और ना ही उस जीत के लिए एक मात्र मोदी फैक्टर है वल्कि भाजपा की चार महत्वपूर्ण ताकत है जो उसकी जीत का कारण है।‌ उक्त जानकारी आज यहां जारी एक बयान में जन सुराज के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय कुमार ठाकुर ने दी। उन्होंने बताया कि जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने स्पष्ट कहा है कि जो दल अथवा गठबंधन भाजपा को हराना चाहते हैं तो उन्हें भाजपा की ताकत को समझना होगा और उसके अनुरूप ताकत पैदा करनी होगी। प्रशांत किशोर ने कहा है कि भाजपा की चार बड़ी ताकत उसकी जीत के लिए कारक है। प्रशांत किशोर ने भाजपा की उन चारों शक्तियों की बाबत बताया कि पहली ताकत हिंदुत्व है जो उनकी एक विचारधारा है। इससे जुड़ा हुआ एक बहुत बड़ा वर्ग बीजेपी को इसलिए वोट करता है, क्योंकि उन्हें बीजेपी के हिंदुत्व वाली विचाराधार पर यकीन है। दूसरी जो नया राष्ट्रवाद की बात शुरू हो गई है। गांव-देहात में आप सुनते हैं कि भारत विश्वगुरु बना गया है, पूरे विश्व में भारत की शान मोदी ने बढ़ा दी है। ये जो सारी बाते हैं, पुलवामा के बारे में आपने सुना होगा, इस राष्ट्रवाद की भावना की वजह से भी बीजेपी को वोट मिलता है। तीसरा, एक बहुत बड़ा वर्ग केंद्र की योजनाओं के लाभार्थियों का है। चाहे वो किसान स्वनिधि योजना हो, आवास योजना हो, जिसकी धनराशि सीधे केंद्र सरकार लाभार्थियों को भेज रही है। मुफ्त खाद्यान्न योजना आदि। चौथा, जो बीजेपी का अपना संगठन है, उसकी जो संगठनात्मक और आर्थिक ताकत है उससे भी बहुत फर्क पड़ता है। मान लीजिए कि आप आरजेडी से चुनाव लड़ रहे हैं, तो आप तीन-चार करोड़ रुपये देकर चुनाव लड़ते हैं, क्योंकि ऐसी पार्टियां आपको टिकट देंगी और पैसा लेंगी। अगर आप बीजेपी से चुनाव लड़ रहे हैं, तो पार्टी आपको चुनाव लड़ने के लिए पैसा दे रही है और कहती है कि जाइए अच्छे से जनसंपर्क करिए और चुनाव लड़िए। ऐसे में इन चार विषयों में से कम से कम तीन के लिए आप बेहतर प्रयास नहीं करेंगे, जैसे कि जो बीजेपी का हिंदुत्व, राष्ट्रवाद और जो लाभार्थियों के लिए बीजेपी कर रही है उससे बेहतर मॉडल आपके पास होना चाहिए।

प्रशांत किशोर ने कहा कि बीजेपी के संगठन की जितनी ताकत है उसके मुकाबले में अन्य पार्टियों का संगठन बेहतर होना चाहिए। जब तक इन चार में से तीन पर कम से कम आप बेहतर प्रयास नहीं करेंगे, तब तक आपको दस में से सात या आठ चुनावों में हार का सामना करना होगा। एक दो जगह जहां जीत ​हासिल हो भी जाती है, उसका कोई बहुत असर नहीं है। लोगों को लग रहा है कि कांग्रेस कर्नाटक और तेलंगाना जीत गई, तो उनको मैं बता दूं कि ये वोट कांग्रेस को नहीं मिला है, ये वोट वहां की तत्कालीन सरकारों के खिलाफ है। लोग केसीआर के खिलाफ वोट करना चाहते थे, वहां दल के रूप में कांग्रेस ही है, तो कांग्रेस को ही वोट दिया। ये इनकंबेंसी का वोट है।

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