बिहार शिक्षा विभाग ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सभी मध्य माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में सहेली कक्ष बनाने का निर्देश दिया है। सहेली कक्ष में शिक्षिका दीदी छात्राओं को मासिक धर्म के बारे में सही जानकारी देंगी और उन्हें पीरियड्स के बारे में जागरूक करेंगी। यहां नेपकिन वेंडिंग मशीन भी लगाए जाएंगे और साथ में छात्राओं के आराम करने की भी व्यवस्था होगी।
इस पहल का उद्देश्य छात्राओं को मासिक धर्म के बारे में सही जानकारी देना और उनमें इस विषय को लेकर होने वाली शर्म और भय को दूर करना है। अक्सर छात्राओं को माहवारी के दौरान कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्हें माहवारी के बारे में सही जानकारी नहीं मिलती है, जिससे वे शर्म और भय महसूस करती हैं। इससे उनकी पढ़ाई पर भी असर पड़ता है।
सहेली कक्ष में छात्राओं को माहवारी के बारे में शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक पहलुओं पर जानकारी दी जाएगी। उन्हें माहवारी के दौरान स्वच्छता और स्वास्थ्य के बारे में भी बताया जाएगा। यहां छात्राओं को आवश्यक सेनेटरी नैपकिन भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
शिक्षा विभाग का मानना है कि सहेली कक्ष छात्राओं को माहवारी के बारे में सही जानकारी देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाएंगे। इससे उनकी शिक्षा में भी सुधार होगा और वे समाज में आगे बढ़ सकेंगी।
इस पहल का स्वागत करते हुए महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्थाओं ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे छात्राओं को माहवारी के बारे में सही जानकारी मिलेगी और वे इस विषय को लेकर होने वाली शर्म और भय को दूर कर सकेंगी।