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कोरोना के बाद मंकीपॉक्स का देश में कहर

मंकीपॉक्स के मामले सामने आने के बाद दिल्ली हवाई अड्डे और केरल में अलर्ट जारी कर दिया गया है। दिल्ली हवाई अड्डे पर विदेशों से आने वाले यात्रियों की कड़ी मॉनिटरिंग हो रही है और जिन लोगों में मंकीपॉक्स जैसे लक्षण देखे जाएंगे, उन्हें सीधा लोक नायक जय प्रकाश (LNJP) अस्पताल रेफर किया जाएगा। इसी तरह केरल के हवाई अड्डों पर यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी और यहां कई हेल्थ डेस्क स्थापित की गई हैं।

भारत में सामने आए हैं चार मामले

भारत में अब तक मंकीपॉक्स के चार मामले सामने आए हैं। इनमें से तीन केरल और एक दिल्ली में दर्ज किया गया है। केरल में सभी संक्रमित विदेश से लौटे हैं, जबकि दिल्ली के मरीज की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है।

LNJP में तैनात है 20 सदस्यों की टीम

समाचार एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि दिल्ली हवाई अड्डे पर आने वाले जिन यात्रियों में तेज बुखार, कमर दर्द, जोड़ों का दर्द जैसे लक्षण देखे जाएंगे, उन्हें LNJP के आइसोलेशन वार्ड में भेजा जाएगा। यहां ऐसे मरीजों के इलाज के लिए 20 सदस्यों की टीम को तैनात किया गया है। संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेकर उन्हें पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) भेजा जाएगा, वहीं प्रशासन उसके संपर्कों को क्वारंटीन करेगा।

उप राज्यपाल की बैठक में लिया गया फैसला

दिल्ली में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आने के बाद उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी। इसमें हवाई अड्डे पर निगरानी बढ़ाने का फैसला लिया गया। बैठक के बाद उप राज्यपाल की तरफ से कहा गया कि अधिकारियों को सभी जरूरी ऐहतियाती कदम उठाने का आदेश दिया गया है। उन्होंने लोगों से सभी ऐहतियातों का पालन करने की अपील करते हुए कि घबराने की जरूरत नहीं है।

दिल्ली सरकार ने अधिकारियों के लिए जारी किए निर्देश

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने सोमवार को आदेश जारी कर कहा है कि अगर किसी भी स्वास्थ्य केंद्र में कोई मरीज मंकीपॉक्स के लक्षणों के साथ आता है तो इसकी सूचना तुरंत जिला निगरानी इकाई को दी जानी चाहिए और मरीज को LNJP अस्पताल रेफर करना होगा। दिल्ली सरकार ने LNJP अस्पताल को मंकीपॉक्स के प्रबंधन के लिए नोडल सेंटर बनाया है और यहां के डॉक्टरों की ट्रेनिंग शुरू कर दी है।

केरल सरकार ने उठाए ये कदम

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बताया कि राज्य में आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके अलावा सभी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर हेल्थ डेस्क स्थापित की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस बीमारी से लड़ने को तैयार है। लोगों से सावधान रहने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि अगर किसी में मंकीपॉक्स जैसे लक्षण नजर आते हैं तो वो तुरंत टेस्ट करवाएं।

क्या है मंकीपॉक्स?

मंकीपॉक्स एक जूनोटिक (एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में फैलने वाली) बीमारी है। ये बीमारी मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमण के कारण होती है जो पॉक्सविरिडाइ फैमिली के ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से आता है। ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस में चेचक (स्मालपॉक्स) और काउपॉक्स बीमारी फैलाने वाले वायरस भी आते हैं। साल 1958 में रिसर्च के लिए तैयार की गईं बंदरों की बस्तियों में यह वायरस सामने आया था और इससे पॉक्स जैसी बीमारी होना पाया गया था।

WHO ने घोषित किया ‘वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल’

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शनिवार को मंकीपॉक्स को ‘वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल’ घोषित कर दिया है। इसका ऐलान करते हुए WHO प्रमुख डॉ टेड्रोस अधेनोम गेब्रिएसेस ने कहा, “हमारे सामने एक प्रकोप है जो नए-नए तरीकों से दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है। इसके बारे में हमें बहुत कम पता है। इसलिए हमने फैसला किया है कि मंकीपॉक्स को ‘वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल’ घोषित किया जाए।” यह WHO का उच्चतम स्तर का अलर्ट है।

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